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Sunday, November 3, 2013

आज ऐसी दीवाली मनाते है

चलो आज ऐसी दीवाली मनाते है
लोगो के दिलों से नफरत मिटाते है
घर-घर में रोशनी जलाते है
चलो आज ऐसी दीवाली मनाते है
सब मिलकर खुशिया मनाते है


जहाँ लोगों के बिच कोई भेद न हो
जहाँ ऊंच नींच का किसी को ऐहसास ना हो
जहाँ जाति धर्म से किसी का पहचान ना हो
चलो आज ऐसी दीवाली मनाते है
सब मिलकर खुशियाँ मनाते है

एक नया हिन्दुस्तां बनाते है
कसमें वादे खाते है
लेकिन इस बार उसे निभाते है
चलो आज ऐसी दीवाली मनाते है
सब मिलकर खुशियाँ मनाते है


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