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Sunday, April 11, 2010

प्यार की दुनिया

(1)-इश्क करते थे ,लोगो ने नफरत करना सीखा दिया .............
जिस चहरे को देख कर हँसते थे ,उसने रोना सीखा दिया ..............
हम तो मरना चाहते थे ,मौत के इंतज़ार ने "जीना" सीखा दिया .........


(2)-मजबुरियो को हम आँखों में छुपा लेते है...........
हम कहा रोते है हालत रुला देते है.........................
हम तो हर पल याद करते है पको ....................
पर आप याद ना करने का "इल्जाम" लगा देते है........


(3)-किसी अपने को खोना वो क्या जाने ............
बिना नींद के सोना वो क्या जाने .......................
उस शख्स ने तो मुझे महफ़िलो में देखा है .............
लेकिन मेरा तन्हाई का "रोना" वो क्या जाने........


(4)-हर खुसी में कुछ नमी सी रह जएगी.........
आँखे थोड़ी शबनमी सी रह जएगी .................
ज़िन्दगी को कितना भी सवारों ....................
बिन हमारे कुछ "कमी" सी रह जएगी ...........

Sunday, April 4, 2010

गम का महत्व

() गमो के बिना ज़िन्दगी अधूरी है,
मुसाफिर फिर भी तेरा जीना ज़रूरी है ,
मत हो अपनी ज़िन्दगी से खफा ,
क्युकी तेरी ज़िन्दगी के बिना ,
एक और जिंदगी अधूरी है...........


(2) बादल की तरह आवारा है हम,
आप भूल सकोगे वो नज़ारा है हम,
जो टूट के फ़ना हो जायेगा ,
आप की एक खावाहिस के लिए ,
फलक का वो अनदेखा सितारा है हम............


(3) दर्द में कोई मौसम प्यारा नहीं होता ,
दिल हो प्यासा तो पानी से गुज़ारा नहीं होता ,
कोई देखे तो हमारी बेबसी को ,
हम सबके हो जाते है ,
पर कोई हमारा नहीं होता............


(4) काम ना आ सकी अपनी वफ़ा तो क्या करे .......?
एक बेवफा को भूल न पाए तो क्या करे ..........?
एक दिन की बात हो तो भूल जाये .................?
याद आये वो रोज़ तो क्या करे........................?